विभिन्न आपदओं की दृष्टि से बिहार राज्य देश के सर्वाधिक आपदा प्रवण राज्यों में से एक है। इस राज्य के सभी जिले भूकम्प के सर्वाधिक संवेदनशील जोन V, IV एवं III के अन्तर्गत आते है। उल्लेखनीय है, कि अभी तक भूकम्प पूर्वानुमान की कोई सटीक सूचना प्रणाली विकसित नहीं हुई है, जिससे इसकी पूर्व जानकारी प्राप्त हो सके। भूकम्प को रोका नहीं जा सकता किन्तु इससे निपटने की पूर्व तैयारी एवं जन-जागरूकता से इसके कारण होने वाली जान एवं माल की क्षति को काफी हद तक रोका जा सकता है।
यह भी सच है कि भूकम्प से किसी की जान नहीं जाती, किन्तु भूकम्प के कारण ढहने वाले कमजोर भवनों में दबकर जन हानि होती है। अतएव भवनों को भूकम्परोधी बनाकर काफी हद तक हम जान-माल की क्षति को कम कर सकते हैं। प्राधिकरण ने भवनों के भूकम्परोधी निर्माण हेतु वृहद् स्तर पर असैनिक अभियंताओं एवं राजमिस्त्रियों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम प्रारंभ किया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रथम चरण में लगभग 5000 अभियंताओं/वास्तुविदों एवं संवेदकों तथा 20,000 अनुभवी राजमिस्त्रियों को भूकम्परोधी निर्माण तकनीक का प्रशिक्षण दिया जा चुका है । साथ ही महत्वपूर्ण भवनों में काम करने वालों अथवा निवास करने वालों एवं शिक्षण संस्थानों के छात्रों/शिक्षकों को भूकम्प आने पर बचाव हेतु माॅकड्रिल के माध्यम से प्रशिक्षित एवं जागरूक करने का भी प्राधिकरण द्वारा प्रयास किया जा रहा है। प्रत्येक वर्ष दिनांक 15 - 21 जनवरी को भूकम्प सुरक्षा सप्ताह का आयोजन कर जन-जागरूकता के कार्यक्रम चलाएं जाते हैं। प्राधिकरण द्वारा बहु-आपदा सामुदायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों एवं मुख्य मंत्री स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत की भूकम्प से बचाव का प्रशिक्षण संबंधित को दिया जा रहा है।
वर्ष 2016 से अब तक राजधानी पटना स्थित विभिन्न भवनों/संस्थानों में भूकम्प सुरक्षा माॅकड्रिल का आयोजन किया गया है | विभिन्न तथा एन . सी . सी . उड़ान,बिहार अग्नि शमन सेवाएं एवं विभिन्न विद्यालयों के सहयोग से भूकंप सुरक्षा रैली निकाली जाती रही है |
होर्डिंग एबं समाचार पत्रों में विज्ञापन तथा रेडियो, दूरदर्शन में जिंगल आदि प्रशारित कर भूकंप सुरक्षा की जानकारी प्रदान की जाती है
राज्य के सभी अभियंत्रण महाविद्यालयों / राज्यकीय पॉलिटेक्निक में भूकंप सुरक्षा सप्ताह के दौरान सेमिनार / कार्यशाला / रैली / प्रभातफेरी / क्विज एवं पेंटिंग परतियोगिता आदि कार्यक्रम कराये जाते रहें हैं जिसके लिए प्राधिकरण द्वारा आवश्यक निधि विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराया गया है |
इस वर्ष भूकंप सुरक्षा पखवाड़ा के दौरान राज्य के विभिन्न जिलों में नुक्कड़ नाटक एवं पपेट शो के माध्यम से भूकंप आपदा से बचाव तथा पूर्व तैयारी के सम्बन्ध में गहन जानकारी प्रदान की गयी है