आपदा में पशुओं का प्रबंधन पर पशुचिकित्सा पदाधिकारियों का चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम
बिहार बहु आपदा प्रवण राज्य है। जिसमें समुद्र तटीय आपदाओं को छोड़ कर सभी प्रकार के प्राकृतिक एवं मानव जनित आपदाएं आती है।
आपदा जोखिम न्यूनीकरण रोड मैप 2015-30 में Resilient Village के साथ-साथ Resilient Livelihoods का भी लक्ष्य रखा गया है।
किसी प्रकार की आपदा आने पर ग्रामवासियों के समक्ष जीवन के साथ-साथ जीवन यापन की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। धन की क्षति भी हो जाती है। जीवन यापन के मुख्य साधनों में गाँवों में पशुधन महत्वपूर्ण अवयव हैं। पशुधन की सुरक्षा एवं संरक्षण के उपायों से एक ओर पशुधन की रक्षा हो सकेगी और दूसरी ओर उनके जीवन यापन के साधन भी रक्षा होगी। अर्थात पशुधन की सुरक्षा से एक ओर Resilient Village के लक्ष्य की प्राप्ति होती है तो दूसरी ओर Resilient Livelihoods के भी लक्ष्य प्राप्त हो जाते हैं।
उपरोक्त अवधारणा को ध्यान में रखते हुए पशुधन की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग एंव बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय के सहयोग से राज्य के सभी पशुचिकित्सकों को प्रशिक्षित एवं संवेदित करने के लिए एक प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया गया।
उपर्युक्त वस्तुस्थिति के मद्देनजर ‘‘आपात स्थिति में पशु प्रबंधन ‘‘(Management of Animals in Emergencies)" विषय पर पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार सरकार के पशु चिकित्सकों के चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग एवं बिहार भेटनरी कॉलेज के संयुक्त तत्वाधान में तथा World Animal Protection (WAP) और Policy Perspectives Foundation (PPF) के सहयोग से बाढ़ सुरक्षा सप्ताह (1-7 जून, 2018) में दिनांक 04 जून से आरम्भ किया गया।
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य है कि बहु-आपदाओं की स्थिति में आपदा के पहले, आपदा के दौरान एवं आपदा के बाद में किस तरह से पशुओं की सुरक्षा एवं प्रबंधन किया जाय। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन 04 जून 2018 को बिहार भेटनरी कॉलेज के सभागार में श्री दिनेश चन्द्र यादव, माननीय मंत्री, आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार सरकार के कर कमलों द्वारा की गई। उद्घाटन सत्र में प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री व्यास जी, सदस्य श्री पी0एन0 राय, बिहार पशु विज्ञान महाविद्यालय के कुलपति डा0 रामेश्वर सिंह, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव, डा0 एन0 विजयलक्ष्मी एवं बिहार भेटनरी कॉलेज के प्राचार्य तथा डीन डा0 सामंतरे ने भी भाग लिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए प्रशिक्षु पशु चिकित्सकों के उपयोग हेतु एक हस्तपुस्तिका तैयार किया गया है जो उन्हें प्रशिक्षण कार्यक्रम में दिया जा रहा है। प्रत्येक बैच में 35 पशु चिकित्सकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई हैं |
प्रथम चरण में 08 बैच का कैलेण्डर तैयार किया गया है जो निम्वत है --
आपदा में पशुओं का प्रबंधन पर पशुचिकित्सा प्रशिक्षण में सम्मिलित होने वाले पदाधिकारियों की सूची निम्नवत है :-