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शहरी स्थानीय निकायों का ‘‘आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन‘‘ विषय पर राज्यस्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम

 बिहार एक बहु-आपदा प्रवण राज्य है , जहाँ सभी तरह की प्राकृतिक एवं मानव जनित आपदाएं घटित होती है । यह राज्य जहाँ एक ओर लगभग हर वर्ष बाढ़ के प्रकोप को झेलता है वहीं दूसरी ओर सुखाड़, अग्निकांड, शीतलहर एवं लू इत्यादि आपदाओं से भी इस राज्य का एक बड़ा भू-भाग प्रभावित रहता है। प्राकृतिक आपदाओं को हम रोक नहीं सकते, परंतु हम इन आपदाओं के जोखिम और इनके कुप्रभावों को बेहतर आपदा प्रबंधन के द्वारा कम कर सकते हैं। हाल के वर्षो में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र का परिदृश्य बदला है। अब आपदा प्रबंधन मात्र रिलीफ-केन्द्रीत नहीं रह गया है अपितु आपदा जोखिम न्यूनीकरण आपदा प्रबंधन का महत्वपूर्ण अंग माना जाने लगा है। राज्य सरकार ने सेंडई (जापान) में आपदा जोखिम न्यूनीकरण विषय पर आयोजित विश्व सम्मेलन में तय किए गए वैश्विक लक्ष्यों के आलोक में 15 वर्षो का रोड मैप तैयार किया है जिसे हम ‘‘बिहार आपदा जोखिम न्यूनीकरण रोड मैप, 2015-2030‘‘ कहते हैं। इस रोड मैप में ‘‘सुरक्षित बिहार‘‘ की संकल्पना की गयी है। रोड मैप जिन पाँच खंभों पर खड़ा है उसमें ‘‘सुरक्षित शहर‘‘ का सीधा संबंध हमारे शहरी निकायों एवं उनके प्रतिनिधियों से है। इसी परिप्रेक्ष्य में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा ‘‘आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन‘‘ विषय पर शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण आयोजन करने का निर्णय लिया गया है जिससे कि शहरी क्षेत्रों में आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन हेतु शहरी निकायों के प्रतिनिधि, अधिकारी एवं नागरिक संवेदित हों एवं उनमें आवश्यक कौशल एवं क्षमता का विकास हो सके। सभी 142 नगर निकायों का प्रस्तावित प्रशिक्षण आयोजन हेतु प्रथम चरण में Group- A के जिलों (दरभंगा, अररिया, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, सीतामढ़ी, पूर्वी चम्पारण) को शामिल किया गया है एवं शहरी स्थानीय निकायों का ‘‘आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन‘‘ विषय पर तीन दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम फरवरी 2020 से आरंभ किया गया है।                        


शहरी स्थानीय निकायों का ‘‘आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन‘‘ प्रशिक्षण में सम्मिलित होने वाले प्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों की सूची निम्नवत है :-


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