बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा शिक्षा विभाग के सहयोग से राज्य के सभी सरकारी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्ष 2015 से प्रत्येक वर्ष जुलाई माह में विद्यालय सुरक्षा जागरूकता पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है। बिहार आपदा जोखिम न्यूनीकरण रोडमैप 2015-30 में वर्णित सुरक्षित शनिवार की अवधारणा को मूर्त रूप देने हेतु इस वर्ष से अब राज्य के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों, सरकार के विभिन्न विभागों, यथा समाज कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग, द्वारा संचालित विद्यालयों और सभी मदरसों, कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका विद्यालयों एवं संस्कृत शिक्षा बोर्ड से संबंधित विभिन्न विद्यालयों में "मुख्य मंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम" के अंतर्गत प्रत्येक शनिवार को चेतना सत्र में आपदा प्रबंधन से संबंधित विभिन्न गतिविधियाँ संचालित की जायेंगी। इस कार्यक्रम का लक्ष्य है कि "घर से विद्यालय एवं विद्यालय से घर तक" विभिन्न आपदाओं का बच्चों के जीवन पर पड़ने वाले कुप्रभावों, नियमित शिक्षण में आनेवाली बाधाओं तथा इससे होने वाले नुकसानों में काफी हद तक कमी लायी जाए। "सुरक्षित शनिवार" को मूर्त रूप देने के उद्देश्य से राज्य स्तर पर शिक्षा विभाग द्वारा चयनित शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। चयनित मास्टर ट्रेनर्स सरकारी विद्यालयों, निजी विद्यालयों एवं मदरसों के शिक्षक होते हैं। मास्टर ट्रेनर्स का यह प्रशिक्षण जनवरी, 2018 से मार्च तक आयोजित किया गया |
शिक्षा विभाग से अनुरोध किया गया है कि इन मास्टर ट्रेनर्स के माध्यम से जिला, प्रखंड एवं स्कूल स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर उपरोक्त श्रेणी के प्रत्येक विद्यालय में एक-एक शिक्षक को फोकस शिक्षक के रूप में प्रशिक्षत कर "सुरक्षित शनिवार" कार्यक्रम का कार्यान्वयन प्रारंभ करें। प्राधिकरण ने "सुरक्षित शनिवार" एवं "मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम" के सफल संचालन हेतु सहभागी प्रक्रिया द्वारा अवधारणा पत्र एवं प्रशिक्षण हस्त पुस्तिका विकसित की है जिसे सभी मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण में दिया जाता है तथा शिक्षा विभाग के माध्यम से प्रत्येक फोकस शिक्षक तक पहुँचाया जा रहा है। जिला स्तरीय प्रशिक्षण 21 मई 2018 से शिक्षा विभाग द्वारा प्रारंभ किया जा रहा है।