आधुनिक अग्नि सुरक्षा की दिशा में सशक्त कदम: बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की पहल पर फायर इंजीनियरिंग प्रशिक्षण का शुभारंभ

पटना, 27 मई 2025। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (BSDMA) एवं बिहार अग्निशमन सेवा के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 26 मई 2025 से फायर ट्रेनिंग अकादमी, बिहटा में अग्निशमन सेवा के अधिकारियों/कर्मियों हेतु Fire Engineering विषय पर चार दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन प्राधिकरण के माननीय सदस्य श्री पी. एन. राय द्वारा किया गया। उद्घाटन अवसर पर श्री राय ने प्रतिभागियों को फायर इंजीनियरिंग के वर्तमान परिप्रेक्ष्य और इसमें बिहार अग्निशमन सेवा की भूमिका पर विशेष व्याख्यान दिया। उन्होंने आवश्यकतानुसार नवाचार को प्रोत्साहित करने और आधुनिक तकनीकों के समावेशन पर जोर दिया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में अग्निशमन सेवा के लगभग 100 फायर अधिकारी एवं कर्मी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर श्री सुधीर कुमार पोरिका, उप महानिरीक्षक, एवं श्री विशाल शर्मा, ASFO, बिहार अग्निशमन सेवा की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस कार्यक्रम में देश के ख्यातिप्राप्त फायर विशेषज्ञ श्री आर.एम. क्षीरसागर (पूर्व निदेशक, नेशनल फायर सर्विस कॉलेज, नागपुर) एवं श्री शशिकांत देशमुख (पूर्व महाप्रबंधक, फायर एंड सेफ्टी, भारतीय स्टेट बैंक) द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। दिनांक 26 मई, 2025 को उदघाटन सत्र के पश्चात श्री आर.एम. क्षीरसागर (पूर्व निदेशक, नेशनल फायर सर्विस कॉलेज, नागपुर) द्वारा Basics of Fire Prevention and Protection पर चर्चा की गई। इस सत्र में उन्होने अग्निशमन यंत्रों का वर्गीकरण, संचालन प्रणाली, फायर अलार्म सिस्टम, हाइड्रेंट, स्प्रिंकलर एवं सप्रेशन सिस्टम जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की। दिनांक 27 मई, 2025 को द्वितीय सत्र में पोर्टेबल फायर एक्सटिंग्विशर्स का संचालन विषय पर प्रशिक्षण दिया गया। इस सत्र में यंत्रों की टेस्टिंग, रिफिलिंग, परिचालन अभ्यास के साथ किचन फायर, रासायनिक एवं पेट्रोलियम आग, BLEVE (Boiling Liquid Expanding Vapor Explosion) और वाष्प बादल विस्फोट जैसी जटिल स्थितियों से निपटने के उपायों पर विस्तृत चर्चा हुई। तत्पश्चात् तीसरे सत्र में राष्ट्रीय भवन संहिता (NBC) एवं अग्नि सुरक्षा विषय पर श्री शशिकांत देशमुख द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। इस सत्र में भवनों का वर्गीकरण, निकासी मार्ग, अग्निशमन सीढ़ी, अग्नि लिफ्ट और निकास द्वारों की क्षमता जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर गहन व्याख्या की गई।
